आप सभी को अपने जीवन के बारे में क्या क्या पता है कोई नहीं जानता होगा। कोई गौर ही नहीं किया कुछ लोग इसे लेकर सजक रहते हैं पर सब नहीं । मैं भी नहीं जानता अपने जीवन के बारे में। इसलिए मैं भी आप लोगों की तरह किस्मत और भगवान पर विस्वास करता था। पर अब नही ।
आप लोग यह सोचते है कि आप लोगो की किस्मत ऊपर वाला लिखता है पर ये सोच आपको गलत साबित करती है। मैं यह बताना चाहूंगा कि न किस्मत होती है ना ही इसे लिखने वाला ये आपके ऊपर है । आप अपनी आदतों या गलतियों से दुःख झेलते है इसमे कुछ लोग भगवान को कोसते है । अरे भाई जब तुम मानते हो कि तुम्हे भगवान ने ही बनाया है तो वो तुम्हे दुख क्यों देगा । आप उसकी दर्शन के लिए तीर्थस्थलों पर जाते हो मन्नते मांगते हो वो सब अपने लिए ही करते हो अपने परिवार के लिए करते हो । मुझे एक बात बताओ कि आपकी वो मन्नते क्यों सुने क्यों आप की बात माने उसे क्या मिलेगा आपके दुख दूर करने से। कुछ नही मिलेगा लेकिन आप लोग तो किसी की मदद भी करते हो तो उससे उसका हिसाब भी लेते हो उसपे कर्ज़ चढ़ा देते हो बात बात पर उसे याद दिलाते हो कि तुमने उसकी मदद की । यही अगर भगवान आप लोगो के साथ कर रहा है तो उसमें आप को दिक्कत हो रही है आप उसे गाली देते हो । क्योंकि आपको लगता है कि वो दुख भगवान ने दिया है पर वो तो किसी को दुःख देता ही नही है । वो आपके कर्म का फल होता है।
इसलिए मैं आपको बताना चाहता हु की आप लोग आप अपने कर्म के भोगी है ना की किस्मत के इसलिए किसी और को दोष न दे।
धन्यवाद।

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