कौन कहता है आसमाँ में सुराग नहीं हो सकता एक पत्थर तो तवियत से उछालों यारों ।
हम आज एक बार पुनः टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टी० एस० सी० टी०) को लेकर आपके सम्मुख हाजिर हैं । इसकी कुछ खास बाते जिससे मैं प्रभावित हुए बिना रह नहीं सका ।
सज्जनों शिक्षक जिसे राष्ट्र निर्माता का दर्जा दिया गया है मैं भी अंतर्मन से इस भावना से जुड़ा हूँ ।
कहते है स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन बसता है और किसी कार्य को तल्लीनता से करने में तन मन दोनों का स्वस्थ रहना अनिवार्य होता है । रुग्ण शरीर से केवल कर्तव्य की पूर्णता हो सकता है उच्चतम बौद्धिक उपलब्धता नहीं ।
यह हाल फिलहाल हमारे बेसिक के शिक्षकों के साथ हो रहा है । सरकार वेतन देती है तब तक, जब तक उस शिक्षक का दम खम निकल ना जाए । मरणोपरांत एक चवन्नी नहीं । और पेंशन के नाम पर बाजार आधारित जोखिम ।
मतलब पैसा शिक्षक का लेकिन उसे खुद पता नहीं की भविष्य में मिलेगा या नहीं ।
ऊहोपोह की इस स्थिति से उबरने का कार्य आज (TSCT) ने किया और दिवंगत हुए शिक्षकों के परिवार को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए 1 करोड़ 25 लाख का सहयोग हुआ । यह अपने आप में अद्वितीय है । हम दिवंगत गुरुजनों को अश्रूपूरित श्रद्धांजलि देते हुए प्रदेश भर के समस्त गुरुजनों को सादर अभिवादन करते हैं ।
साथी हाथ बढ़ाना , एक अकेला थक जाए तो मिल कर बोझ उठान ।

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Really appreciating
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